शशांकासन के लाभ
कब्ज की समस्या इस आसन के जरिये ख़त्म होती है आँतों का मल धकेलने की शक्ति तथा पाचन शक्ति बढ़ाने में लाभदायक है
जिन स्त्रियों का गर्भाशय छोटा होने से गर्भ में पल रहे शिशु का पूरी तरह विकास नहीं हो पाता है उनके गर्भाशय में विकास और गर्भधारण की शक्ति का भी विकास होता है जिन महिलाओं को बार बार गर्भ पात होता है उनके लिए तो यह आसन बहुत ही लाभदायक है
शशांकासन करने की विधि
वज्रासन की स्थिति में बैठकर सांस भरते हुए दोनों हाथ कानों को ढंकते हुए ऊपर उठाकर तानिये अब सांस बहुत धीरे धीरे छोड़ते हुए हाथों से सिर को चिपकाए रखते हुए ही सामने की ओर इतने झुकिए कि सर और हाथ जमीन पर छूने लगे इस स्थिति में आकर शरीर को ढ़ीला छोड़कर जितनी देर तक आप रुक सकते हैं इसी स्थिति में आराम करें और सांस सामान्य तरीके से लेते रहें उसके बाद धीरे धीरे वापस वज्रासन की स्थिति में आ जाएं इस आसन की स्थिति में आपका शरीर खरगोश जैसा दिखता है इसलिए इस आसन को शशांकासन कहते हैं
नोट
सुप्त वज्रासन के बाद शशांक आसन करने से जो लाभ मिलता है वह आश्चर्य जनक होता है
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