Wednesday, January 30, 2019

फिल्म इंडस्ट्री में स्टील फोटोग्राफर कैसे बनें?

स्टील फोटोग्राफर   
Learn how to join Bollywood as an Steel Photographer.


स्टील फोटोग्राफर को इंडस्ट्री में स्टील कैमरा भी कहते है जो सेट पर होने वाली हर एक चीज की एक्टिविटी को रिकॉर्ड करता है वह हर एक सीन के इम्पोर्टेन्ट एक्टिविटी की फोटो लेता है सीन कंटिन्यूटी के लिए फ़ोटो लेता है। इसके अलावा शूटिंग के सेट पर कोई बड़ा आदमी जैसे कोई बड़ा प्रोड्यूसर, डायरेक्टर, फिल्म स्टार या कोई भी कलाकार या कोई भी फेमस आदमी आता है तो उनकी फोटो लेने की जिम्मेदारी भी उसकी होती है।

कब किस समय किस चीज की फोटो लेनी है कौन सी एक्टिविटी इंपॉर्टेंट है उसकी फोटो लेना जरूरी है यह सारी चीजें धीरे-धीरे आप सीख पाते है लेकिन आपको इस काम को करने के लिए भी फोटोग्राफी आने के साथ एक्सपीरियंस की जरूरत पड़ेगी इसके लिए आपको स्टील कैमरा मैन के साथ रहना होगा। तभी आप इस काम में परफेक्ट हो पाएंगे। आपको फोटोग्राफी भी अच्छे से आनी चाहिए।

शूट के दौरान आपसे पिछले दिनों शूट हुए सीन की फ़ोटो कभी भी मांगी जा सकती है। कोई नया एक्टर सेट पर आया था उसकी फोटो आपने उसके लुक के साथ निकाली या नही। किसी भी सीन के जो इम्पोर्टेन्ट मूवमेंट की फोटो, किसी एक्टर को सीन में चोट कहाँ पर लगी थी। उसे अगर कोई शरीर मे निशान दिया गया है जो उसके करैक्टर को दर्शाता है उसकी फोटो लेना जरूरी होता है।

इस काम में बिल्कुल भी गलती बर्दाश्त नहीं की जाती है क्योंकि आपकी जरा सी गलती से लाखों का नुकसान हो सकता है। जब आप किसी एक्सपीरियंस फोटोग्राफर के साथ में काम करेंगे तब आपको मालूम होगा कि सीन कंटीन्यूटी मैच करने के लिए कौन-कौन सी एक्टिविटी इंपॉर्टेंट होती है कब कहां किस समय आपको कौन सी एक्टिविटी की फोटो लेनी है और शूटिंग के बाद भी सेट पर जो प्रोड्यूसर, डारेक्टर मौजूद रहते हैं या कोई मुख्य आदमी अभिनेता, रिपोर्टर  या कोई आता है तो उसके भी फोटोग्राफ इंपॉर्टेंट होते हैं। इस काम को किस तरह करना है इसकी जानकारी आपको धीरे-धीरे मालूम चलती है हर एक इम्पोर्टेन्ट मूवमेंट की फोटो आपके पास होनी चाहिए। यह काम बस यहीं तक सीमित नही रहता।

अगर आप अच्छे फोटोग्राफर हैं तो बहुत सी ऐसी वेबसाइट हैं जहां आप अच्छी फ़ोटो डालकर पैसा कमा सकते हैं। मैगज़ीन या फिल्म के लिए काम कर सकते हैं। मॉडलिंग या पोर्टफोलियो बनाकर भी अच्छा पैसा कमा सकते हैं। लेकिन इतनी आगे तक जाने के लिए आपकी इंग्लिश अच्छी होनी चाहिए। बहुत से इंस्टीट्यूट भी हैं जो आपको फोटोग्राफी सीखाने के साथ आपको काम पर भी भेज देते हैं। इस काम का ग्लैमर किसी से कम नही है।

योग्यता
इस काम में आपको कोई खास पढ़ाई की तो जरूरत नहीं पड़ती लेकिन आपको फोटोग्राफी अच्छे से आनी चाहिए मतलब फोटो खींचना आना चाहिए। इस काम को करने के लिए बस आपकी प्राइमरी शिक्षा पूरी हुई चाहिए। हिंदी या शो या फ़िल्म जिस भाषा मे है वह भाषा आनी चाहिए। अगर आप फिल्मों में काम करना चाहते हैं तो आपको इंग्लिश भाषा अच्छी तरह आनी चाहिए।

इमेज

Sunday, January 27, 2019

साउंड रिकार्डिस्ट कैसे बने

टेलीविज़न सीरियल, फिल्म में साउंड रिकार्डिस्ट का काफी खास रोल होता है शूटिंग करने के साथ अगर एक्टर की  आवाज की मैचिंग बराबर नहीं है तो शूटिंग का कोई फायदा नहीं है इसलिए किसी भी शूटिंग को करते समय डायलॉग मिलना जरुरी होता है पारिवारिक शो में लेडीज आर्टिस्ट के कपड़े ऐसे होते हैं और वह ज्वेलरी भी ज्यादा पहनती है जिससे डायलॉग न मिलने पर बार-बार माईक सही करवाना पड़ता है क्योंकि ज्वेलरी की आवाज से आर्टिस के डायलॉग सही से नहीं मिल पाते है ऐसे में साउंड रिकार्डिस्ट का काम थोड़ा मुश्किल हो जाता है कई बार साउंड न मिलने पर भी रिटेक होता है


साउंड रिकार्डिस्ट  

फिल्म इंडस्ट्री में यह काम एक ऐसा ऑप्शन है जहां पर बहुत ही कम समय में काम सीखकर आप पैसा कमाने लगते हैं और यहां पर आपको पढ़ाई की जरूरत नहीं पड़ती बस आपको उस काम को समझने की जरूरत है आर्टिस्ट का माइक किस तरह से लगाना है बस यह समझने की जरूरत होती है और ज्यादातर लेडीस आर्टिस्ट को किस तरह से माइक लगाना है या समझने की जरूरत होती है एक साउंड रिकार्डिस्ट की सैलरी(पर डे) कम से कम 2000-3000 रुपये या उससे ज्यादा प्रोजेक्ट के बजट के हिसाब से होता है और शिफ्ट बढ़ती है तो एक्स्ट्रा शिफ्ट  का पैसा और साथ ही कन्वेंस दिया जाता है साउंड रिकॉर्डिंग असिस्टंट को भी एक्स्ट्रा शिफ्ट और कन्वेंस का फायदा मिलता है और असिस्टंट की भी मिनिमम सैलरी 1 दिन की कम से कम 500 रुपये या उससे ज्यादा प्रोजेक्ट के बजट के हिसाब से होती है


साउंड रिकॉर्डिस्ट असिस्टंट कैसे बने ?

साउंड रिकॉर्डिस्ट असिस्टंट का काम एक्टर का सीन से पहले उनके मेकअप रूम में माइक पहुंचाना होता है और शूटिंग खत्म होने के बाद माइक वापस लेना होता है अगर एक भी माइक खो गया तो 70000 रुपये या जो भी कीमत हो उसका पैसा भरना पड सकता हैं इसलिए इस काम को भी बहुत ही सावधानी से करने वाला है इस काम के लिए कोई ख़ास पढाई की जरुरत नहीं होती है अगर फिल्म में जाना है और अच्छा पैसा कमाना है तो आप काम के साथ इंग्लिश भाषा भी अछे से सीख लीजिये  


बूममैन कैसे बने?

एक एक लंबे से लोहे के डंडे में बड़ा माईक लगा होता है उसे बूम कहते हैं इसका इस्तेमाल आउटडोर और इंडोर सोनो सीन में होता है बूम की जरूरत तब पड़ती है जब एक्टर की आवाज बराबर साउंड रिकार्डिस्ट को नहीं मिल पा रही हो या फिर जब किसी चीज़ के गिरने, टूटने जैसे मटका फूटने, तलवार के आपस में लड़ने या ऐसी चीजों की साउंड लेने के काम आता है जिसमे माईक नहीं लगा सकते यह एक एडिशनल आप्शन होता है साउंड रिकार्डिस्ट के पास बूम को पकड़ने वाले लड़के को बूम मैन कहते हैं यह काम दूर से देखने में बहुत आसान लगता है जब बूम को एक ही पोजीशन में पकड़कर बहुत देर तक खड़ा रहना पड़ता है तो अच्छे अच्छों की हालत ख़राब हो जाती है यह काम वही कर सकता है जिसे इस कम को करने की प्रैक्टिस होती है

इंडोर सीन में इसकी जरुरत तब पड़ती है जब एक्टर की आवाज सही से नहीं मिल पा रही है जब वह डायलोग बोलने के साथ कोई काम कर रहा हो जैसे फीमेल एक्टर बर्तन मांज रही हो, खाना बना रही हो या कोई ऐसा काम कर रही हो जिससे डायलोग सही से नहीं मिल पा रहे हो दूसरी एक्टिविटी करने पर, जैसे कोई एक्टर तलवार में धार लगा रहा हो डायलोग बोल रहा हो या बारिश के सीन में डायलोग बोल रहा हो बिजली कड़कने के साथ कोई डायलौग बोल रहा हो ऐसे में साउंड रिकार्डिस्ट को आवाज बराबर नहीं मिल पाती ऐसे सीन में एक्टर को पूरा सीन जहाँ डायलौग न मिले हो वहां डबिंग करनी पड़ती है जरूरत होती है इंडोर सीन की शूटिंग के दौरान कभी-कभी ऐसा होता है कि आदेश की आवाज बराबर निबंध आती है यही वजह है की आउटडोर शूटिंग करने के बाद हमें इसकी अलग से डबिंग करवानी पड़ती है
आउटडोर सीन में सबसे ज्यादा डबिंग की जरुरत पड़ती है कभी चिड़ियों की चहचाहट, ट्रेन या गाड़ियों की आवाज या अन्य तरह की दूसरी आवाज इतना परेशान करती है की आर्टिस्ट की आवाज सही से नहीं मिल पाती है इसलिए ज्यादातर सीन डब करने पड़ते हैंअगर कोई सीन ऐसा है जहाँ एक्टर चलते चलते डायलाग बोल रहा है तो साउंड रिकार्डिस्ट और बूम मैन को भी एक्टर के साथ चलना पड़ता है

साउंड रिकॉर्डिस्ट या उसके असिस्टेंट की एक भी गलती से पूरे सीन के डायलॉग फिर से डब करने पड़ सकते हैं जिसकी वजह से एक्टर का पर डे का खर्चा भी बढ़ सकता है जो एक हजार या एक करोड़ भी हो सकता है जिससे  आपकी नौकरी भी जा सकती है या फिर आप को हर्जाना देना पड़ सकता है या हो सकता है आपको दोबारा काम भी न मिले इसलिए साउंड रिकार्डिस्ट को भी अपना काम बहुत ध्यान से करना होता है

साउंड रिकॉर्डिस्ट को अगर शूटिंग सेट पर शूटिंग के दौरान अगर किसी और के बोलने की वजह से आवाज मिलने में दिक्कत हो रही है तो वह शूटिंग रुकवा भी सकता है और अगर आपका व्यवहार किसी एक्टर के साथ या फिर  किसी भी सीनियर के साथ अच्छा नहीं हुआ तो आपको आगे काम नहीं मिलेगा इसलिए आप इंडस्ट्री में कोई भी काम करें लेकिन अपना व्यवहार सभी के साथ अच्छा रखें अगर कोई आपको कुछ बोल भी देता है तब भी आपको उसे जवाब नहीं देना है अपनी गलती को समझना होगा क्योंकि इस इंडस्ट्री में काम करने के लिए ना सिर्फ आपको अपने काम का ध्यान रखना होगा बल्कि अपने व्यवहार का भी ध्यान रखना होगा खासतौर से और बड़े लोगों के साथ
यह एक ऐसा काम है जिसमें आप बहुत जल्दी काम सीख कर पैसा कमाने लगते हैं और खुद को सरवाइव कर सकते हैं इसलिए अगर आपके पास पैसा नहीं है आप एक गरीब परिवार से हैं तो पहले आप फिल्म इंडस्ट्री में यह काम सीखिए कुछ दिन काम करके पैसा इकट्ठा करिए अपनी पहचान और भी लोगों से बनाईये फिर अपने इंटरेस्ट के हिसाब से सही दिशा में अपना करियर बनाईये


शुरू में आपको हो सकता है अप्रिनटीस की तरह काम करना पड़े उसके बाद थोड़ा सा काम सीख जाने पर आपकी सैलरी की शुरुआत हो जाएगी इंडस्ट्री में जब आपको लोग जानने लगेंगे फिर आपको काम मिलने लगेगा। इसलिए इंडस्ट्री में काम करने और नार्मल सैलरी से अच्छा पैसा कमाने के लिए यह एक बेहतर जरिया है अगर इंडस्ट्री में आपकी पहचान नहीं है तब भी आप लोगों से मिलिए ऑफिस में जाईये शूटिंग सेट पर जाईये साउंड रिकार्डिस्ट या प्रोडक्शन मेनेजर या किसी से भी मिलिए हो सकता है आपका व्यवहार किसी को पसंद आ जाए जो आपको लगवा दे या किसी और डिपार्टमेंट में लगवा दे बस एक एंट्री मिले तो आप न मत करे शुरू में अंदर जाने के लिए जिस तरह भी मौका मिले आप न मत करे एक बार आपको कोई भी काम मिल गया तो फिर आप कुछ दिन फिल्म इंडस्ट्री को समझ कर अपने हिसाब से सही डिपार्टमेंट का चुनाव कर सकते हैं उसके बाद आपकी सैलरी जब पक्की हो जाये तब आप यूनियन का कार्ड भी बनवा लीजिये जो बहुत जरुरी होता है अगर आप ज्यादा पढ़े लिखे नहीं है और फिर भी अच्छा पैसा कमाना चाहते हैं तो यह एक बेहतर विकल्प है  

Sunday, January 20, 2019

बॉलीवुड में अपना करिएर कैसे बनाए?

मेकअप मैन और हेयर ड्रेसर:

मेकअप आर्टिस्ट के काम में भी बहुत ही अच्छा करियर है एक मेकअपमैन असिस्टेंट का मिनिमम पर डे कम से कम ₹500 होता है लेकिन अगर वह थोड़ा बहुत भी जानकार है तो उसका पर डे हजार रुपए तक भी होता है और जो बड़े मेकअप आर्टिस्ट होते हैं उनका पर डे प्रोजेक्ट के बजट के हिसाब से अलग अलग होता है मेकअप मैन को टेलीविजन शो में तो आसानी से काम मिल जाता है और साथ ही समय-समय पर ऐड फिल्मों में भी काम करने का मौका मिलता है इसके अलावा इसके अलावा उन्हें फिल्मों में भी आसानी से काम मिल जाता है इसके अलावा इन्हें फैशन शो होते हैं, अवॉर्ड शो, रियलिटी शो में भी काम करने का मौका मिल जाता हैं यहां पर भी मेकअप मैन को अपना हुनर दिखाने का अच्छा मौका मिलता है वह एक प्रोजेक्ट को करते करते पार्ट टाइम में और भी दूसरी जगह से अपना पर डे बना लेते हैं।
इस काम को करने के लिए आपको कुछ खास क्वालीफिकेशन की जरूरत नहीं पड़ती बस आपके अंदर किसी की खूबसूरती को और भी ज्यादा तराशने का हुनर होना चाहिए जिसके लिए आपको थोड़ा समय देना पड़ेगा मन लगाकर काम सीखना पड़ेगा। तभी कुछ समय के बाद आपके अंदर यह हुनर आ पायेगा। अगर आपको यह काम करना है तो पहले किसी मेकअप दादा के साथ एक असिस्टेंट की तरह काम करना पड़ेगा। शुरू में हो सकता है आपको मेकअप करने का मौका ना दिया जाए बस आपको शूटिंग सेट पर खड़े रहकर मेकअप दादा की मेकअप किट और उनका बैग पकड़ने का मौका मिले और बाद में धीरे धीरे आपको आर्टिस्ट के फेस पर पफ मारने का मौका भी मिलेगा धीरे-धीरे एक्टर का भी आप पर विश्वास बनता है फिर आप को काम आने पर मेकअप का मौका दिया जाता है शुरू में अगर आप नए हैं तो आर्टिस्ट भी आपसे मेकअप करवाना पसंद नहीं करते हैं और कई बार ऐसा भी होता है कि आपको काम आते हुए भी अगर आर्टिस्ट आपको नहीं जानता तो वह आपसे काम करवाना पसंद नहीं करता।

एक एक्टर हमेशा उस आर्टिस्ट से मेकअप करवाना चाहेगा जिसे वह जानता है कि वह अपने काम में परफेक्ट है यह काम ऐसा है कि अगर आप के ऊपर आर्टिस्ट का विश्वास बन गया तो आर्टिस्ट आपको अपना पर्सनल मेकअप मैन बना लेता है और आपकी सैलरी वही देता है और आपको एक अच्छी सैलरी और रिस्पेक्ट भी ज्यादा मिलती है जितने बड़े आर्टिस्ट के आप मेकअप मैन होंगे उतनी ज्यादा रिस्पेक्ट आपको बाकि के टेकनिशियन भी देते हैऔर आपको फिर मेकअप का ही नहीं बल्कि आर्टिस्ट की बाकी चीज़ों का भी ध्यान रखना पड़ता है।

लेडीज आर्टिस्ट के मामले में ज्यादातर ऐसा होता है वह हमेशा अपना पर्सनल मेकअप मैन से ही मेकअप करवाना पसंद करती हैं या फिर किसी एक से ही मेकअप करवाना पसंद नहीं करती हैं चाहे प्रोडक्शन हाउस उन्हें एक्स्ट्रा मेकअप दादा क्यों ना उपलब्ध करवा रहे हो मेल एक्टर भी अपना स्टेटस मेंटेन करने के लिए पर्सनल मेकअप मैन रखना पसंद करते हैं यह सब एक दूसरे को देख देख कर आर्टिस्ट अपना स्टेटस ऊंचा बनाने के लिए पर्सनल मेकअप मैन रखते हैं अगर आर्टिस्ट मेकअप मैन को अफोर्ड कर सकते हैं और उनका काम अगर अच्छा चल रहा है तो वह पर्सनल मेकअप मैन रखना जरूर चाहेंगे।

मेकअप मैन को भी काम करने के लिए यूनियन से कार्ड बनवाना पड़ता है फिल्म इंडस्ट्री में मेकअप दादा को मेकअप आर्टिस्ट कहा जाता है टेलीविजन इंडस्ट्री में हर प्रोडक्शन हाउस में एक मेकअप दादा होते हैं जिन्हें काफी तजुर्बा होता है जिन्हें किसी भी प्रोडक्शन हाउस से आसानी से कांटेक्ट मिल जाता है फिर उस प्रोडक्शन हाउस के जितने भी धारावाहिक शुरू होते हैं उन सब में वह अपने नीचे मेकअप आर्टिस्ट रखते जाते हैं और उन मेकअप आर्टिस्ट के नीचे भी दो-तीन असिस्टेंट होते हैं मतलब किसी भी शो में एक बड़ा मेकअप मैन होता है जिसकी सारी जिम्मेदारी होती है और उनके नीचे कुछ असिस्टेंट होते हैं मेकअप दादा जिसका प्रोडक्शन हाउस से कांटेक्ट होता है वह जब चाहे किसी भी मेकअप आर्टिस्ट या उसके असिस्टेंट को शो से निकाल कर बाहर कर सकते हैं इसलिए आपको अपने काम में एक्सपर्ट होने के साथ-साथ अपना व्यवहार अपनी टीम के सभी लोगों से बनाकर रखना होता है और इस बात का काफी ध्यान रखना पड़ता है अगर कोई कुछ बुरा भी आपको बोल दे तो आपको धैर्य से काम लेना होगा आप कोशिश करें कि आप उन्हें जवाब न दें और आपके साथ कोई प्रॉब्लम होती है तो आप अपने सीनियर से डिस्कस कर सकते हैं या फिर प्रोडक्शन हाउस में जो प्रोडक्शन मैनेजर हों उनसे डिस्कस करें हमेशा खुश रखे और सभी को रिस्पेक्ट दे यही सफलता का मंत्र है

हेयर ड्रेसर:

मेकअप आर्टिस्ट और हेयर ड्रेसर की आपस में काफी बनती है क्योंकि एक्टर को रेडी करने का काम इन दोनों के  सहयोग से होता है। एक्टर को रेडी करने के लिए इन दोनों का आपस में तालमेल होना बहुत जरूरी है जैसा कि मैंने बताया की हर एक प्रोडक्शन हाउस में एक मेकअप आर्टिस्ट होता है और उसके नीचे उसके असिस्टेंट होते हैं उसी तरह हर प्रोडक्शन हाउस में एक हेयर ड्रेसर भी होती है जो सभी शो में हेयर का काम संभालती हैं और वह भी अपने नीचे हर एक शो में एक असिस्टेंट रखती है जिसे परफेक्ट काम आता है और उस हेयर ड्रेसर के नीचे 2-3 असिस्टेंट होते हैं
भारत में बनने वाली फिल्म और धारावाहिकों में ज्यादातर मेकअप आर्टिस्ट लड़के होते हैं और हेयर ड्रेसर लड़की होती है जबकि हॉलीवुड फिल्मों में या हॉलीवुड टेलीविजन शो में मेकअप आर्टिस्ट का काम लड़कियां भी करती हैं बॉलीवुड और इंडियन टेलिविजन का हॉलीवुड से काफी डिफरेंस है मेकअप आर्टिस्ट और हेयर ड्रेसर की आपस में इतनी बनती है कि वह एक दूसरे काफी अच्छे दोस्त बन जाते हैं और बहुत बार कई लोग शादी भी कर लेते हैं हेयर ड्रेसर अपने हिसाब से जब चाहे अपने नीचे के असिस्टेंट को निकाल सकती हैं इंडस्ट्री में मेकअप मैन और हेयर ड्रेसर के बिना काम करना इंपॉसिबल है क्योंकि हर एक्टर चाहता है वह कैमरे के सामने और बेहतर दिखे इसके लिए अपनी खूबसूरती को निकालने के लिए उसे मेकअप मैन और हेयर ड्रेसर की जरूरत पड़ती है फीमेल आर्टिस्ट इसका ख़ास ध्यान रखती हैं जिस तरह  शेयर ड्रेस दादा किसी एक्टर को उसके कपड़ो द्वारा उसके किरदार में ढालने की कोशिश करते हैं उसी तरह मेकअप आर्टिस्ट और हेयर ड्रेसर दोनों ही एक्टर को उनका लुक देकर आर्टिस्ट को अपने काम के जरिये और भी ज्यादा उनके करैक्टर में ढालने की कोशिश करते हैं जब बाहरी रंग रूप से जब आर्टिस्ट खुद को उस किरदार में देखते हैं तभी वह अभिनय और भी बेहतर कर पाते हैं क्योंकि तभी अंदर से उसका करैक्टर के हिसाब से फीलिंग आती है
धार्मिक शो( माईथो), फाइट सीन और हॉरर शो में तो एक्सपर्ट मेकअप आर्टिस्ट और हेयर ड्रेसर की काफी डिमांड है। उन्हें तो डबल पैसे दिए जाते हैं उन्हें उनका काम दिखाने के। किसी का मर्डर हो गया तो ब्लड लगाना है  किसी को चोट का निशान देना हो या किसी को साधु बनाना हो तो विग लगाना पड़ता है इस तरह के बहुत से काम दोनों लोग करते हैं ऐसे में हेयर ड्रेसर न सिर्फ फीमेल आर्टिस्ट के लिए काम करती है बल्कि मेल आर्टिस्ट के लिए भी काम करती है मेल एक्टर के बाल भी सेट करने का काम कभी कभी हेयर ड्रेसर को दिया जाता है जिस तरह मेकअप दादा को मेकअप आर्टिस्ट कहते हैं उसी तरह हेयर ड्रेसर को ताई या हेयर ताई भी कहते हैं दादा का मतलब होता है भैया और ताई का मतलब होता है दीदी। बंगाली में भैया को दादा बोलते हैं और मराठी में दीदी को भाई बोलते हैं मेकअप और हेयर ड्रेसर का काम ऐसा काम होता है जिन्हें शूटिंग शुरू होने से पहले अपना काम शुरू करना पड़ता है और शूटिंग जब चल रही हो तब भी काम करना पड़ता है इसके अलावा जब शूटिंग खत्म हो जाती है उसके बाद भी आर्टिस्ट का मेकअप निकालना पड़ता है इसलिए मेकअप आर्टिस्ट को शूटिंग शुरू होने से लेकर शूटिंग चलने और शूटिंग खत्म होने के बाद भी काम करना पड़ता है यही वजह है किसी भी शूटिंग के शुरू होने से 2 घंटे पहले मेकअप आर्टिस्ट और हेयर ड्रेसर को सेट पहुंचना बहुत जरूरी होता है नहीं तो शूटिंग शुरू होने में देर हो सकती है या रुक सकती है।

शूटिंग चलने के दौरान सेट पर एक दो मेकअप आर्टिस्ट और हेयर ड्रेसर को रहना पड़ता है मेकअप अपना काम देखता है और हेयर ड्रेसर को लेडीज आर्टिस्ट के बाल बार-बार सही करने पड़ते हैं समय समय पर फीमेल आर्टिस्ट के बालों का भी टच अप करना पड़ता है और सेट पर अगर कोई सबसे ज्यादा बातें करते हैं तो वह है मेकअप आर्टिस्ट और हेयर ड्रेसर। सबसे ज्यादा गप्पे वही लोग मारते हैं क्यों की शूटिंग चलने के दौरान भी ज्यादातर मेकअप आर्टिस्ट फ्री होते हैं और उन्हें अगर गप्पे मारने का मौका मिल जाता है तो वह पीछे नहीं हटते और इस वजह से कई बार शूटिंग में भी डिस्टरबेंस आ जाता है डायरेक्टर को रिटेक करने पड़ते हैं  फिल्मों में यह लोग काफी प्रोफेशनल होते हैं मेकअप आर्टिस्ट हेयर ड्रेसर वह लोग भी शूटिंग में काफी सहयोग देते हैं शूटिंग के दौरान डिस्टरबेंस पैदा नहीं करते हैं मजे की बात तो यह है कि जब शूटिंग चलने के दौरान टीवी शो में जब कभी आवाज का डिस्टरबेंस होता है और सायलेंस की आवाज आती है तो यह गप्पे मारने वाले मेकअप आर्टिस्ट खुद ही चुप होकर साईलेंस बोलते हैं कि जैसे उन्होंने कुछ किया ही नही हो

मेकअप आर्टिस्ट और हेयर ड्रेसर को अपने शो के अलावा बहुत बार रियलिटी शो में किसी अवॉर्ड फंक्शन, अड़ फिल्म में अपने शो के साथ नई नई जगह जाने का मौका भी मिलता है मेकअप आर्टिस्ट और हेयर ड्रेसर शादियों में जाकर भी किसी दुल्हन का सजाने का काम कर कर मोटा पैसा कुछ ही घंटो में कमा आते हैं मतलब यह काम से बस पार्लर तक ही सीमित नहीं है यहां पर भी आप लाखों की कमाई और अपना नाम कमा सकते हैं मॉडलिंग में तो इन दोनों की काफी डिमांड है जहां पर यह लोग अच्छा पैसा कमाते हैं

माईथो सीरियल मतलब धार्मिक सीरियल जैसे महाभारत, रामायण, हातिम ताई इस तरह के शो करने में मेकअप आर्टिस्ट को अच्छी सैलरी मिलती है किसी को बभूत लगाना हो किसी को बहुत ज्यादा काला करना हो चेहरा कलरफुल करना हो या फिर बाल सेट करना हो बाल लंबे करने हो किसी को राक्षस का हुलिया देना इन्ही के टैलेंट से ही एक नॉर्मल आदमी बहुत ही खतरनाक दिखने लगता है और खतरनाक आदमी भी साधारण दिखने लगता है

काम कैसे ढूढ़े?


आपको मेकअप का काम आता हो या नहीं लेकिन अगर आप यह काम करना चाहते हैं तो आप किसी भी प्रोडक्शन हाउस में जाकर मेकअप आर्टिस्ट या हेयर ड्रेसर से मिलकर उनसे एक असिस्टेंट का काम मांग सकते हैं अगर आपको इस बारे में नहीं मालूम है कौन-कौन से प्रोडक्शन हाउस फिल्में बनाते हैं या धारावाहिक बनाते हैं? तो इसके लिए फिल्म और धारावाहिक शुरू या खत्म होने पर प्रोडक्शन हाउस के नाम आते हैं वहां पर हेयर ड्रेसर और मेकअप आर्टिस्ट के भी नाम आते हैं तो आप उन प्रोडक्शन हाउस के एड्रेस पर जाकर या शूटिंग के दौरान सेट पर  जाकर मेकअप आर्टिस्ट या हेयर ड्रेसर से मिल सकते हैं। इसके अलावा आप प्रोडक्शन मैनेजर से भी मिलकर एक असिस्टेंट के तौर पर भी काम कर सकते हैं अगर आप को इस काम का जरा भी अंदाजा नहीं है तब भी आप इस जगह पर जाकर काम मांग सकते हैं आपको एक असिस्टेंट की तरह काम करने का मौका मिल सकता है लेकिन आपको हो सकता है कि शुरू में कुछ भी पैसा ना मिले लेकिन जब आप धीरे धीरे चार-पांच महीने में थोड़ा भी काम सीख जाएंगे तो आपको कन्वेंस प्रोडक्शन हाउस की तरफ से मिलने लगेगा यहां से आप की शुरुआत होगी और आपका काम करने में और भी मन लगेगा लेकिन शुरू मैं आपको थोड़ा सा ध्यान रखना पड़ेगा और काम को मन लगाकर सीखना पड़ेगा और किसी भी किसी की भी बात का बुरा नहीं मानना है अपना व्यवहार सभी के साथ अच्छा रखना है तभी आप इंडस्ट्री में आगे तक जाएंगे। आपको एक खास बात बता दूं कि इंडस्ट्री में काम बिना किसी के रिफरेंस नहीं मिलता है अगर आपको काम चाहिए तो किसी ना किसी का रिफरेंस तो देना ही पड़ेगा नहीं तो आपको किसी से दोस्ती बनानी पड़ेगी कुछ पैसे खर्च करें और फिर कुछ महीनों के बाद हो सकता है आपको काम मिल जाए। एक और तरीका है आप किसी इंस्टीट्यूट को ज्वाइन कर लीजिए जहां यह काम सिखाया जाता हो  आज के समय में ऐसे बहुत से प्राइवेट इंस्टीट्यूट खुले हुए हैं जहां पर अच्छी ट्रेनिंग दी जाती है हर डिपार्टमेंट के बारे में। जब आप उनके इंस्टिट्यूट को ज्वाइन करते हैं और पैसा खर्च करते हैं तो वह लोग आपको किसी ने किसी प्रोडक्शन हाउस में भेज देते हैं जहां से आप काम सीखने के बाद इस काम में अपने करियर की शुरुआत कर सकते हैं। आपको आप को मेरी तरफ से शुभकामनाएं और आप अपने काम में सफल हो।

Saturday, January 19, 2019

बॉलीवुड में अपना करियर कैसे बनाए?

बॉलीवुड में अपना करियर कैसे बनाए?
कैमरामैन कैसे बनें? लाईटमैन कैसे बने? कैमरामेन असिस्टेंट कैसे बने? कैमेरा अटेंडेंट कैसे बने?

जिस तरह किसी भी सीन को शूट करने के लिए डायरेक्टर की जरूरत होती है उसीतरह किसी भी फिल्म और टेलिविजन शो को शूट करने के लिए कैमरा मैन की जरूरत होती है।कैमरामैन को डी ओ पी(डायरेक्टर ऑफ फोटोग्राफर) के नाम से जाना जाता है। शूटिंग सेट पर सबसे बड़ी टीम अगर किसी की होती है तो वह है कैमरामैन की टीम।



जिसमें कैमरामैन के 2-3 असिस्टेंट के अलावा लाइटमैन, क्रेन ऑपरेटर, ट्रॉली ऑपरेटर, डॉली ओपरेटर, जिम्मी ज़िप ऑपरेटर भी आते हैं।  किसी भी फिल्म अथवा शो में कैमरा मैन के बिना शूट करना आसान नहीं होता है।


कभी कभी ऐसा भी होता है कि डायरेक्टर खुद कैमरामैन होता है या कैमरामैन ही डायरेक्टर होता है। लेकिन अगर कोई यह दोनों काम एक साथ कर रहा है तो यह काम बहुत ही मुश्किल होता है। ऐसे में गलती होने के चांसेस ज्यादा होते हैं। या हो सकता है आपको असिस्टेंट ज्यादा रखने पड़े लेकिन ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि कैमरामैन ही किसी भी सेट पर डायरेक्टर और कैमरामैन दोनो काम करता है।



एक कैमरामैन को बहुत सारी चीजों का ध्यान रखना पड़ता है जैसे किसी एक्टर के फेस पड़ने वाली लाइट सही है या नहीं, उसका फोकस आउट तो नहीं है उसकी शक्ल क्लियर दिख रही है या नहीं या बैकग्राउंड में लाइट सही थी या नहीं  बैकग्राउंड में सीन के ब्लॉक के अंदर कोई ऐसी चीज तो नहीं आ रही है जिसे नहीं होना चाहिए जैसे शूटिंग के कोई सामान, कोई टेकनीशियन तो ब्लॉक में नही आ रहा है। इन सब बातों का ध्यान कैमरामैन और उसके असिस्टेंट को रखना पड़ता है। नहीं तो सीन को फिर से भी शूट करना पड़ सकता है।



ऐसी बहुत सी चीजें हैं जिनका ध्यान एक कैमरामैन और उसके असिस्टेंट को रखना पड़ सकता है। अगर जरा सी भी गलती हुई तो लाखों का नुकसान हो सकता है यही वजह है कि उनकी नौकरी भी जा सकती है इसलिए यह काम बहुत ही सतर्कता से किया जाता है और हर समय आपको एक्टिव रहना पड़ेगा।


कैमरामैन के दो या तीन असिस्टेंट होते हैं हर शूटिंग सेट पर कम से कम 2 कैमरामैन होते हैं। इस काम मे बहुत मेहनत लगती है। कैमरामैन को 2-3 फ्लोर की ऊंचाई तक अकेले क्रेन पर बैठ कर कैमरा ऑपरेट करना होता है अगर गलती से भी आप गिर गए तो आपकी जान भी जा सकती है वहां पर असिस्टेंट साथ नहीं होते हैं क्रेन ऑपरेटर होते हैं जो कि क्रेन को ऑपरेट करते हैं अगर उन्होंने भी गलती की तब भी आपको चोट लग सकती हैं। इसलिए यह भी एक जोखिम भरा काम है लेकिन यहां आपकी इनकम डायरेक्टर की तरह हज़ारों और लाखों में होती है साथ ही आपका नाम भी होता है।

कैमरामैन बनने के लिए योग्यता: कैमरामैन बनने के लिए शुरू में आपको अप्रिंटिस की तरह बिना सैलरी के या फिर एक असिस्टेंट की तरह काम करना पड़ेगा। फिर थोड़ा काम सीख जाने पर कुछ महीने बाद आपकी सैलरी की शुरुआत होगी। उसके बाद आपके काम और तजुर्बे के हिसाब से सैलरी बढती जाएगी। फिल्म, एड फिल्म, मैगज़ीन के लिए अगर आप काम करना चाहते हैं तो आपको काम के साथ साथ इंग्लिश लैंग्वेज अच्छे से आनी चाहिए।

कैमरा असिस्टेंट:  कैमरा असिस्टेंट का काम अगर वाइड/मास्टर सीन है तो उसमे कौन सा लेंस रहेगा 3 शॉट लिया जा रहा है या कॉम्पैक्ट शॉट लिया जा रहा है तो उसमें कौन सा लेंस रहेगा। शॉट के हिसाब से लेंस बदलवाना, सीन में आर्टिस्ट की मूवमेंट के हिसाब से लाइट, डे नाईट सीन के हिसाब से लाइट, बैकग्राउंड के हिसाब से लाइट करवाना होता है। एक्टर के चेहरे पर फोकस है या नही ज़ूम करना इस तरह के बहुत से काम होते हैं।  सीन में लगने वाले लेंस, ट्राली एवं अन्य दूसरे इक्विपमेंट पहले से सेट पर मौजूद हैं या नही यह देखना होता है। इसके अलावा एक कैमरामैन की जो जिम्मेदारियां होती हैं जैसा कि मैं ऊपर बता चुका हूं उन सभी चीजों का ध्यान असिस्टेंट को रखना पड़ता है अगर गलती हुई यो सबसे पहले जॉब कैमरामैन असिस्टेंट की जाएगी। इतना मुश्किल काम होने के बाद भी इस काम मे कोई खास पढ़ाई की जरूरत नही है बस दिमाग तेज होना चाहिए तभी आप यह काम कर सकते हैं।

लाइट मैन:  लाइटमैन, कैमरामैन और उसके असिस्टेंट के इंस्ट्रक्शंस फॉलो करते हैं हर एक सीन में एक्टिविटी के हिसाब से लाइटिंग अलग अलग होती है अगर जरा सा भी शार्ट चेंज हुआ तो लाइटिंग चेंज करनी पड़ती है इसके लिए लाइटमैन का खास रोल रहता है। शूटिंग सेट पर लाइट मैन की संख्या कम से कम 10 और बजट के हिसाब से 20-25 हो सकती है। इस काम को लड़कियां नही करती। यह बहुत मेहनत का काम है। इसमें आपको शूटिंग से पर जाने से पहले उस जगह पहुंचना होता है जहाँ से लोड( जैसे कटर, लाइट स्टैंड, लाइट एवं अन्य) चढ़ाया जाता है फिर सेट पर1 या 1:30 घंटे पहले पहुंचकर लोड उतारना पड़ता है फिर सीन के हिसाब से लाइट भी करनी पड़ती है। मतलब आपको बाकी डिपार्टमेंट के मुकाबले 3-4 घंटे ज्यादा देने पड़ सकते हैं।

इस काम को करने के लिए पढ़ाई की नही बल्कि मेहनत की जरूरत पड़ती है। जो हर एक के बस की बात नहीं है। किसी भी शूटिंग सेट पर जब शूटिंग चलती है तो उसके टॉप फ्लोर पर लाइट ऑपरेट करने के लिए लाइटमैन रहते हैं जो ऊपर छत से ही नीचे की तरफ सीन के हिसाब से कैमरा मैन के कहने पर लाइटिंग चेंज करते रहते हैं उनका काम ऊपर छत पर ही चुपचाप बैठे रहना होता है। बॉलीवुड में शूटिंग लैंग्वेज में इस जगह को तारापा बोलते हैं जब तक शूटिंग चल रही है अगर शूटिंग के दौरान नींद आई और जरा सी भी गलती हुई तो लाइटमैन नीचे गिर सकता हैं और उनकी जान भी जा सकती है।

हर डिपार्टमेंट की अपनी यूनियन है जो उनके हक़ के लिए लड़ती है। इसीलिए फिल्म इंडस्ट्री में काम करने के लिए यूनियन का कार्ड बनवाना पड़ता है तभी आप इंडस्ट्री में काम कर सकते हैं नही तो बिना कार्ड के काम करते पकड़े गए तो आपको फाइन भी भरना पड़ा सकता है। समय समय पर इनके इलेक्शन भी होते हैं। लाइटमैन, कैमरा अटेंडेंट को कम 700-800 रुपये एक दिन का दिया जाता है शिफ्ट बढ़ने पर एक्स्ट्रा शिफ्ट और कन्वेंस का मेहनताना मिलता है।

कैमरा अटेंडेंट: 
कैमरा अटेंडेंट कैमरे की देख रेख करता है। कैमरे की रील कब खत्म होने वाली है। कब नई चाहिए अगर खत्म हो रही है तो नई चाहिए। कैमरा लेंस सारे हैं या नही। कैमरा कंपनी से शूटिंग सेट पर लाना और शूटिंग के बाद वापस कंपनी में ले जाने का काम कैमरा अटेंडेंट करता है। इसमें भी कोई पढ़ाई की आवश्यकता नही है बस आपके कंधे कैमरा उठाने के लिए मजबूत होने चाहिए।

अगर आप कैमरा ऑपरेट करना जानते हैं तो फिल्मों के अलावा फैशन शो, न्यूज़ चैनल, क्रिकेट स्टेडियम या किसी भी राष्ट्रीय, अंतराष्ट्रीय खेल, सम्मेलन हर जगह आपको काम मिल सकता है। हॉलीवुड फिल्मों में तो लड़कियां भी कैमरामैन का काम करती हैं। फ़िल्म इंडस्ट्री में जितनी इज़्ज़त एक डायरेक्टर को दी जाती है उतनी ही इज़्ज़त कैमरामैन को भी दी जाती है। कहते है। एक कैमरामैन डायरेक्टर की आंखें होता है जिसके बिना कोई भी डायरेक्टर अधूरा है वह अपना काम शुरू नही कर सकता। इसलिए कैमरामैन का फिल्म इंडस्ट्री में बेहद खास रोल है।

Monday, January 14, 2019

फिल्म इंडस्ट्री में कैमरामैन कैसे बने? कैमरा मैन बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए? (कैमरामैन)

फिल्म इंडस्ट्री में कैमरामैन कैसे बने? कैमरा मैन बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए?

कैमरामैन:  जिस तरह किसी भी सीन को शूट करने के लिए डायरेक्टर की जरूरत होती है उसीतरह किसी भी फिल्म और टेलिविजन शो को शूट करने के लिए कैमरा मैन की जरूरत होती है। कैमरामैन को डी ओ पी (डायरेक्टर ओफ फोटोग्राफी) कहते  हैं। शूटिंग सेट पर सबसे बड़ी टीम अगर किसी की होती है तो वह है कैमरामैन की टीम। जिसमें कैमरामैन के 2-3 असिस्टेंट के अलावा 15-20 लाइटमैन, क्रेन ऑपरेटर, ट्रॉली, डॉली ओपरेटर, जिम्मी ज़िप ऑपरेटर भी आते हैं।

किसी भी फिल्म अथवा शो में कैमरामैन के बिना शूट करना आसान नहीं होता है। कभी कभी ऐसा भी होता है कि डायरेक्टर खुद कैमरामैन होता है या कैमरामैन ही डायरेक्टर होता है। लेकिन अगर कोई यह दोनों काम एक साथ कर रहा है तो यह काम बहुत ही मुश्किल होता है। ऐसे में गलती होने के चांसेस ज्यादा होते हैं। या हो सकता है आपको असिस्टेंट ज्यादा रखने पड़े लेकिन ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि कैमरामैन ही किसी भी सेट पर डायरेक्टर और कैमरामैन दोनो काम करता है।

एक कैमरामैन को बहुत सारी चीजों का ध्यान रखना पड़ता है जैसे किसी एक्टर के फेस पड़ने वाली लाइट सही है या नहीं, उसका फोकस आउट तो नहीं है उसकी शक्ल क्लियर दिख रही है या नहीं या बैकग्राउंड में लाइट सही थी या नहीं  बैकग्राउंड में सीन के ब्लॉक के अंदर कोई ऐसी चीज तो नहीं आ रही है जिसे नहीं होना चाहिए इन सब बातों का ध्यान कैमरामैन और उसके असिस्टेंट को रखना पड़ता है। नहीं तो सीन को फिर से भी शूट करना पड़ सकता है। ऐसी बहुत सी चीजें हैं जिनका ध्यान एक कैमरामैन और उसके असिस्टेंट को रखना पड़ सकता है। अगर जरा सी भी गलती हुई तो लाखों का नुकसान हो सकता है यही वजह है कि उनकी नौकरी भी जा सकती है इसलिए यह काम बहुत ही सतर्कता से किया जाता है और हर समय आपको एक्टिव रहना पड़ेगा।

कैमरामैन के दो या तीन असिस्टेंट होते हैं हर शूटिंग सेट पर कम से कम 2 कैमरामैन होते हैं। इस काम मे बहुत मेहनत लगती है। कैमरामैन को 2-3 फ्लोर की ऊंचाई तक आपको अकेले क्रेन पर बैठ कर कैमरा ऑपरेट करना होता है अगर गलती से भी आप गिर गए तो आपकी जान भी जा सकती है वहां पर असिस्टेंट साथ नहीं होते हैं क्रेन ऑपरेटर होते हैं जो कि क्रेन को ऑपरेट करते हैं अगर उन्होंने भी गलती हुई तब भी आपको चोट लग सकती हैं। इसलिए यह भी एक जोखिम भरा काम है लेकिन यहां आपकी इनकम डाय रेक्टर की हज़ारों और लाखों में होती है साथ ही आपका नाम भी होता है।
कैमरा असिस्टेंट:  कैमरा असिस्टेंट का काम अगर वाइड/मास्टर सीन है तो उसमे कौन सा लेंस रहेगा 3 शॉट लिया जा रहा है या कॉम्पैक्ट शॉट लिया जा रहा है तो उसमें कौन सा लेंस रहेगा। शॉट के हिसाब से लेंस बदलवाना, सीन में आर्टिस्ट की मूवमेंट के हिसाब से लाइट, डे नाईट सीन के हिसाब से लाइट, बैकग्राउंड के हिसाब से लाइट करवाना होता है। एक्टर के चेहरे पर फोकस है या नही ज़ूम करना इस तरह के बहुत से काम होते हैं।  सीन में लगने वाले लेंस, ट्राली एवं अन्य दूसरे इक्विपमेंट पहले से सेट पर मौजूद हैं या नही यह देखना होता है। इतना मुश्किल काम होने के बाद भी इस काम मे कोई खास पढ़ाई की जरूरत नही है बस दिमाग तेज होना चाहिए तभी आप यह काम कर सकते हैं।

कैमरामैन बनने के लिए योग्यता: कैमरामैन बनने के लिए शुरू में आपको अप्रिंटिस की तरह बिना सैलरी के या फिर एक असिस्टेंट की तरह काम करना पड़ेगा। फिर कुछ महीने बाद आपकी सैलरी की शुरुआत होगी। उसके बाद आपके काम और तजुर्बे के हिसाब से सैलरी बढती जाएगी। फिल्म, एड फिल्म, मैगज़ीन के लिए अगर आप काम करना चाहते हैं तो आपको इंग्लिश लैंग्वेज अच्छे से आनी चाहिए।

लाइट मैन:  लाइट मैन कैमरामैन और उसके असिस्टेंट के इंस्ट्रक्शंस फॉलो करते हैं हर एक सीन में एक्टिविटी के हिसाब से लाइटिंग अलग अलग होती है अगर जरा सा भी शार्ट चेंज हुआ तो लाइटिंग चेंज करनी पड़ती है इसके लिए लाइटमैन का खास रोल रहता है। शूटिंग सेट पर लाइट मैन कि संख्या कम से कम 10 और बजट के हिसाब से 20-25 हो सकती है। इस काम को लड़कियां नही करती। यह बहुत मेहनत का काम है। इसमें आपको शूटिंग से पर जाने से पहले उस जगह पहुंचना होता है जहाँ से लोड( जैसे कटर, लाइट स्टैंड, लाइट एवं अन्य) चढ़ाया जाता है फिर सेट पर1 या 1:30 घंटे पहले पहुंचकर लोड उतारना पड़ता है फिर सीन के हिसाब से लाइट भी करनी पड़ती है। मतलब आपको बाकी डिपार्टमेंट के मुकाबले 2-3 घंटे ज्यादा देने पड़ सकते हैं।

इस काम को करने के लिए पढ़ाई की नही बल्कि मेहनत की जरूरत पड़ती है। जो हर एक के बस की बात नहीं है। इसके लिए शुरू आपको कुछ दिनों अप्रिंटिस के तौर पर बिना सैलरी के काम करना पड़ सकता है। किसी भी शूटिंग सेट पर जब शूटिंग चलती है तो उसके टॉप फ्लोर पर लाइट ऑपरेट करने के लिए लाइट मैन रहते हैं जो ऊपर छत से ही नीचे की तरफ सीन के हिसाब से कैमरा मैन के कहने पर लाइटिंग चेंज करते रहते हैं उनका काम ऊपर छत पर ही चुपचाप बैठे रहना होता है शूटिंग लैंग्वेज में इस जगह को तारापा बोलते हैं जब तक शूटिंग चल रही है अगर शूटिंग के दौरान नींद आई और जरा सी भी गलती हुई तो लाइटमैन नीचे गिर सकता हैं और उनकी जान भी जा सकती है। इनकी अपनी यूनियन है जो इनके हक़ के लिए लड़ती है और समय समय पर इनके इलेक्शन भी होते हैं। इन्हें कम से कम 700-800 पेर डे दिया जाता है शिफ्ट बढ़ने पर एक्स्ट्रा शिफ्ट और कन्वेंस का मेहनताना मिलता है।

फ़िल्म इंडस्ट्री में जितनी इज़्ज़त एक डायरेक्टर को दी जाती है उतनी ही इज़्ज़त कैमरामैन को भी दी जाती है। कहते है कैमरामैन डायरेक्टर की आंखें होता हैं जिसके बिना कोई भी डायरेक्टर अधूरा है वह अपना काम शुरू भी नही कर सकता। इसलिए कैमरामैन का फिल्म इंडस्ट्री में बेहद खास रोल है।
               Written By Sandeep Kumar Sunder