Friday, December 29, 2017

नौकासन के लाभ और विधि



नौकासन करने की विधि


समतल भूमि पर दरी बिछाकर उस पर पीठ के बल लेट जाइए दोनों हाथ सिर की ओर लंबाई में फैला कर दोनों कानों से सटा लीजिए अब दोनों हाथों के अंगूठे आपस में एक दूसरे से मिला लीजिए पैर भी आपस में सटे रहे अब धीरे-धीरे सांस बाहर निकालते हुए दोनों कानों से सटे रखते हुए ही हाथों सिर और कमर के ऊपर वाले पीछे के भाग को और पैरों, जांघो और नितंब को पृथ्वी से इतना ऊपर उठाइए कि दोनों उठे हुए भाग पृथ्वी से लगभग 45 अंश का कोण बनाएं हाथों और पैरों की उंगलियों एक बराबर ऊंचाई तक उठी हूं अब शरीर एक नाव की समान आकृति में आ जाता है इस स्थिति में जब तक सांस को बाहर ही जब तक रोक सकते हैं रोके रहें फिर सांस लेते हुए धीरे-धीरे शरीर को वापस नीचे लाकर आराम कीजिए इस क्रिया को 10 से 12 बार अवश्य कीजिए सांस बाहर छोड़ने और सांस रोकने के समय को धीरे धीरे अपनी सुविधा के हिसाब से बढाएं।

नौकासन के लाभ

  1.    यह ह्रदय रोगों के लिए उत्तम आसन है
  2.   रीढ के मनकों को व्यवस्थापन के साथ ही लचीला और स्वस्थ बनाता है
  3.   पैरासिंपेथेटिक नाड़ियों पर इस आसन का अनुकूल खिंचाव पड़ने से पूरा स्नायु तंत्र सक्षम शक्तिशाली और स्वस्थ बनता है
  4.  मानसिक स्वास्थ्य तथा स्वास्थ्य प्रणाली प्रभावित होकर मानवीय स्वभाव को सरल मिठी बोली वाला तथा बुद्धिमत्तापूर्ण बनाती है
  5.   फेफड़ों के कोष्ठों पर भी इस आसन का उत्तम प्रभाव होता है जिससे प्राण शक्ति विकसित होकर श्वास, दमा और पुरानी खांसी को ठीक करता है
  6.  फेफड़ों से होने वाले विसर्जन अच्छे तरीके से होने लगते हैं फल स्वरुप रक्त शुद्धि के साथ ही शरीर में कांति और ओज में वृद्धि होती है
  7.    जांघों, कमर, पिंडलियों और पैरों के दर्द में आराम मिलता है कमर से पैरों तक जाने वाली साइटिका नाड़ी स्वस्थ होकर लंगड़ी रोग को दूर करता है
  8.  पाचन और विसर्जन क्रियाओं को ठीक करता है गैस बनना भी रोकता है

Saturday, December 23, 2017

साल 2017 ने सलमान कटरीना को किया झुककर सलाम

साल 2017 ने जाते जाते सलमान कटरीना को किया झुककर सलाम और आने वाला नया साल करेगा स्वैग से स्वागत। जी हाँ पहले ही दिन जिस तरह की भीड़ थिएटर में दिखाई दी उससे तो अंदाजा यही लगाया जा सकता है। 

काफी लंबे इंतजार के बाद बॉक्स आफिस पर एक धमाकेदार फिल्म आयी है फिल्म पद्मावती की रिलीज पर रोक लगने का क्रेडिट भी इस फिल्म को मिला है पद्मावती फिल्म से हताश दर्शकों को अब बस टाइगर जिंदा है का इंतजार था और इस फिल्म के पर्दे पर आते ही लोग टूट पड़े काफी दिनों से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन न हो पाने के कारण जो दर्शकों में बॉलीवुड से जो नाराजगी थी  वह इस फ़िल्म के आते ही दूर हो गयी।

इस फिल्म के ट्रेलर और गानो को 24 घंटों में सबसे ज्यादा देखा गया जिससे यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर आने से पहले ही ट्रेलर और गाने को सबसे ज्यादा देखे जाने का रिकॉर्ड बना चुकी थी या यूं कह ले कि सलमान और कटरीना के फैंस ने ही पिछली हिट फिल्मों का रिकॉर्ड तोड़ा है फिल्म को 150 करोड़ के बजट से यश राज फिल्म ने प्रोड्यूस किया है और ऐसा बताया गया है कि सलमान को इसके अलावा 125 करोड़ की फीस मिली है। टाइगर जिंदा है फिल्म को दुनिया भर में 5600 स्क्रीन पर एक साथ रिलीज़ किया गया है जो रिकॉर्ड ब्रेकिंग है जिसमें से 4600 स्क्रीन भारत की हैं।

सलमान द्वारा वाल्मिकी समाज के लोगों के लिए अपशब्द कहे जाने की वजह से कई शहरों में सलमान के पुतले फूंके गए और सलमान के पोस्टर्स पर जूतों की माला पहनाई गयी और इस फिल्म को पहले ही दिन बन्द करवा दिया गया  इन सबका भी सलमान के फैंस पर कोई खास असर नही पड़ा और पहले ही दिन दर्शको की सबसे ज्यादा भीड़ लगी रही टाइगर जिंदा है ने रिकॉर्ड तोड़ एडवांस बुकिंग दी है


2017 जाते जाते यह फिल्म ऐसे मौके पर रिलीस हुई है जब क्रिसमस का समय शुरू हो चुका लोगों में नए साल आने का जश्न मनाने का उत्साह है बहुत से लोग सेलिब्रेशन का प्लान भी कर ही चुके हैं तो क्रिसमस और नए साल के आने का सेलिब्रेशन का जश्न क्यों न इस फिल्म से किया जाए शायद यही वजह है जो पहले ही दिन दर्शकों की इतनी भीड़ सिनेमाघरों में देखने को मिल रही है

इस साल इस फिल्म के सामने कोई ऐसी फिल्म नही है जो इसे टक्कर दे सके क्रिसमस का त्यौहार और आने वाला नया साल सलमान और कटरीना के लिए बहुत ही बेहतरीन मौका है जो इनकी फिल्म को काफी अच्छा बिजनेस दे सकता है इस फिल्म से भारत ही नही बल्कि पूरी दुनिया मे काफी अच्छा बिजनेस की उम्मीद है एक्शन फिल्म, अच्छी स्टोरी, स्टार कास्ट को देखते हुए कोई भी फिल्म इसके सामने नही टिक पाएगी तो अगर आप भी अपनी जिंदगी में बेहतर रोमांच चाहते हैं तो एक बार यह फिल्म जरूर देखें और खुद में ऊर्जा का संचार करें और अपनी साल 2017 की थकान मिटा सकते हैं और नए साल में एक नई ऊर्जा के साथ अपनी जिंदगी को तरक्की की ऊंचाईयों तक ले जाएं।
Written By Sandeep Kumar Sunder
Image Source Google



Thursday, December 21, 2017

पर्यंकासन को करने की विधि और लाभ

पर्यंकासन
पर्यंकासन और सुप्तवज्रासन में कोई विशेष अंतर नही होता है कुछ लोग सुप्तवज्रासन को ही पर्यंकासन कहते हैं फिर भी विशेषज्ञ इन दोनों आसन में मामूली सा अंतर बताते हैं जिनके नितंब और कमर में चर्बी ज्यादा होती है वह यह आसन काफी सहूलियत से कर सकते हैं
पर्यंकासन को करने की विधि
इस आसन में एड़ी और पंजे नितंबों के नीचे दबाकर लेटना नहीं पड़ता है बल्कि लेटते समय दोनों पंजे और एड़िया जाँघों के दाएं-बाएं सटी हुई रख सकते हैं इस मामूली से अंतर से लाभ पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता मतलब सुप्तवज्रासन के सारे लाभ पर्यंकासन में मिलते हैं
पर्यंकासन के लाभ


मेरुदण्ड, पीठ की पेशियों, कमर, वस्ति प्रदेश, जाँघे और घुटनों आदि का अच्छा व्यायाम हो जाने से यह पुष्ट और स्वस्थ हो जाते हैं पेट की आंतों में जमा हुआ मल और पेट पर अत्यधिक तनाव पड़ने से टूट टूट कर टुकड़ों में बंट जाते हैं जो गर्म पानी, नींबू और नमक का घोल पीने से मल के साथ बाहर निकल जाता है इसलिए सुप्तवज्रासन पुराने कब्ज को आंतों से निकलने और पाचन शक्ति को बढ़ाने का यह एक सर्वोत्तम आसन है इस आसन से बालों में कालापन और चेहरे पर चमक बढ़ती है


Wednesday, December 20, 2017

पादादिरासन के समय ध्यान रखने वाली खास बातें और उसके लाभ

पादादिरासन
वज्रासन में बैठकर दोनों हाथों की मुठियां बांधकर बायीं मुट्ठी दाहिने बांह के जोड़ के नीचे और दाहिनी मुट्ठी बायें बांह के जोड़ के नीचे रखकर बाहों से छाती पर दबाव बनाया जाता है जिससे फेफड़ों पर कुछ इस प्रकार का दबाव बनता है कि दोनों फेफड़ों के पूरी तरह सक्रिय होने से दोनों स्वर चलने लगते हैं इस स्थिति को सुषुम्ना स्वर कहते हैं प्राणायाम की क्रियाओं से पहले पादादिरासन का अभ्यास बहुत जरूरी है
पादादिरासन के समय ध्यान रखने वाली खास बातें और उसके लाभ
आपकी नाक के नथुने दो 2 घंटे की अवधि के लिए बारी-बारी से काम करते हैं दाहिनी नाक के छेद से जब सांस आसानी से आ जा रही हो तो इसे इड़ा या  सूर्य स्वर कहते हैं ठोस भोजन को आसानी से पचा लेने वाला एवं श्रेष्ठ कार्य प्रारंभ करने का शुभ मुहूर्त यही सूर्य स्वर है
जब बायें नाक के छिद्र से सांस आसानी से आ जा रही हो तब इसे पिंगला या चंद्र स्वर कहा जाता है इसे ठंडा स्वर माना जाता है इसके चलते समय यदि आप कोई तरल पेय पीते हैं तो वह लाभकारी होता है जब एक स्वर अपनी अवधि का क्रम पूरा कर लेता है तो वह धीमा पड़ने लगते हैं तब दूसरा स्वर कार्यभार संभालने के लिए तत्पर हो जाता है इस प्रकार इन दोनों स्वरों का संधि काल ही धार्मिक लोगों के शाम की पूजा का सही समय माना जाता है रीढ़ के गुरियों के बीच से गुजरने वाले नाड़ी गुच्छ में इन स्वरों की संचालिका तीन नाड़ियाँ हैं जिन्हें इड़ा, पिंगला और सुषुम्ना नाड़ी कहते हैं  पादादिरासन में पूरी तरह योग्य व्यक्ति किसी भी समय मनचाही नाड़ी को सक्रिय कर मनचाहा स्वर चला या बदल सकता है यह शिथिलीकरण का सर्वश्रेष्ठ आसन है
राह चलते चलते भी इच्छित स्वर बदल कर इच्छित स्वास्थ्य लाभ की यह एक बहुत ही बेहतर विधि है क्योंकि स्वर विज्ञान भी अनेक रोगों को दूर करने की एक विशेष पद्धति है मृत्यु का एक एक पल पहले से ही जान लेना अद्भुत योग विद्या है

सुप्त वज्रासन के लाभ

सुप्त वज्रासन

वज्रासन की स्थिति में बैठकर हाथों की एक कोहनी का सहारा लेते हुए शरीर को पीछे की ओर झुकाएं और दूसरी कोहनी का सहारा लेते हुए शरीर का संतुलन बनाए रखें फिर धीरे धीरे पीठ और सर भूमि पर लगाकर हाथ जांघों पर रखें या सिर की ओर से बढ़ाते हुए जमीन पर रखें या फिर सिर का ऊपरी भाग यानी गर्दन पीछे मोड़ते हुए जमीन से लगा ले इस आसन में जितनी देर रुक सकते हैं रुके फिर धीरे धीरे सांस छोड़ते हुए वापस वज्रासन की स्थिति में आ जाएं

सुप्त वज्रासन के लाभ

मेरुदण्ड, पीठ की पेशियों, कमर, वस्ति प्रदेश, जाँघे और घुटनों आदि का अच्छा व्यायाम हो जाने से यह पुष्ट और स्वस्थ हो जाते हैं पेट की आंतों में जमा हुआ मल और पेट पर अत्यधिक तनाव पड़ने से टूट टूट कर टुकड़ों में बंट जाते हैं जो गर्म पानी, नींबू और नमक का घोल पीने से मल के साथ बाहर निकल जाता है इसलिए सुप्तवज्रासन पुराने कब्ज को आंतों से निकलने और पाचन शक्ति को बढ़ाने का यह एक सर्वोत्तम आसन है इस आसन से बालों में कालापन और चेहरे पर चमक बढ़ती है

शशांकासन के फायदे


शशांकासन के लाभ

कब्ज की समस्या इस आसन के जरिये ख़त्म होती है आँतों का मल धकेलने की शक्ति तथा पाचन शक्ति बढ़ाने में लाभदायक है
जिन स्त्रियों का गर्भाशय छोटा होने से गर्भ में पल रहे शिशु का पूरी तरह विकास नहीं हो पाता है उनके गर्भाशय में विकास और गर्भधारण की शक्ति का भी विकास होता है जिन महिलाओं को बार बार गर्भ पात होता है उनके लिए तो यह आसन बहुत ही लाभदायक है

शशांकासन करने की विधि

वज्रासन की स्थिति में बैठकर सांस भरते हुए दोनों हाथ कानों को ढंकते हुए ऊपर उठाकर तानिये अब सांस बहुत धीरे धीरे छोड़ते हुए हाथों से सिर को चिपकाए रखते हुए ही सामने की ओर इतने झुकिए कि सर और हाथ जमीन पर छूने लगे इस स्थिति में आकर शरीर को ढ़ीला छोड़कर जितनी देर तक आप रुक सकते हैं इसी स्थिति में आराम करें और सांस सामान्य तरीके से लेते रहें उसके बाद धीरे धीरे वापस वज्रासन की स्थिति में आ जाएं इस आसन की स्थिति में आपका शरीर खरगोश जैसा दिखता है इसलिए इस आसन को शशांकासन कहते हैं

नोट
सुप्त वज्रासन के बाद शशांक आसन करने से जो लाभ मिलता है वह आश्चर्य जनक होता है

शिशुआसन के फायदे

शिशु आसन

शशांकासन से इस आसन में जरा सा अंतर होता है इस आसान को करने के लिए हाथ आगे की ओर नहीं फैलाएं जाते बल्कि मुठियां बांधकर नाभि के सामने खड़ी हुई जमा कर और आगे झुक कर माथा पृथ्वी पर टिकाया जाता है दोनों मुठियां जाँघ और पेट के बीच में पड़कर बड़ी आंत तथा मलाशय पर भारी दबाव बनाती हैं जिससे मलाशय का शुद्धिकरण अच्छी तरह होता है और मलाशय की  विसर्जन क्रिया में सुधार होता है इस स्थिति में आपने शिशुओं को विश्राम करते हुए अवश्य देखा होगा छोटे बच्चों के शारीरिक विकास की गति में तेजी इसी कारण आती है और इस आसन में शरीर को पूरी तरह आराम मिलने के कारण ही इस आसन को  शिशु आसन कहते हैं।

शिशुआसन के फायदे

शरीर मे स्फूर्ति आती है इस आसन के द्वारा माइग्रेन जैसी समस्या से भी आसानी से छुटकारा मिल जाता है  शिशुआसन में वज्रासन के सारे लाभ मिलते है

Friday, December 8, 2017

धनुरासन और इसके फायदे

धनुरासन के लाभ


  1. पाचक रसों में वृद्धि कर पतले दस्त भूँख न लगना, भोजन सही से न पचना जैसी समस्याओं को दूर करता है।
  2. कड़े से कड़े और पुराने कब्ज को आँतों से बाहर निकालने योग्य स्थिति निर्मित करता है
  3. पेट के अंदर के सभी अंगों एवं श्वास संस्थानो की मालिश करता है
  4. पेट और कमर की चर्बी को कम कर सुन्दर और फुर्तीला बनाता है
  5. रीढ़ की हड्डी तथा हाथ पैरों की मांसपेशियों को स्वस्थ और पुष्ट बनाता है
  6. रक्त चाप, पाचन तंत्र व्यवस्थित होने से सुचारू गति से चलते हैं काम शक्तियों का नियमन कर स्वभाव में चंचलता और सरलता लाता है और यह असर एड्रिनल, थायराइड और थायमस ग्रंथियों के प्रभावित होने के कारण होता है।
  7. डायबिटीज मरीजों के लिए यह आसन बहुत ही सहायक है इस आसन को करने से अग्नाशय ग्रंथि स्वथ्य होती है जिससे इन्सुलिन का उत्पादन शरीर मे बढ़ता है जिससे यह आसन डायबिटीज रोगियों के लिए वरदान है।


धनुरासन से हानि

जिन पुरुषों का प्रॉस्टेट ग्लैंड बढ़ा हुआ हो, हाई ब्लड प्रेसर मरीज,हृदय रोगी, जिनकी आंतों में अल्सर हो या जिन्हें हर्निया हो ऐसे लोगों के लिए यह आसन निषेध है ऐसे लोग यह आसन करेंगे तो शरीर को हानि पहुंच सकती है।

धनुरासन की खास विशेषता
शलभासन, हलासन, सर्पासन, मकरासन, नौकासन के लाभ इसी आसन से मिल जाते हैं।

धनुरासन
समतल भूमि पर कोई दरी बिछाकर पेट के बल लेट जायें पैरों को घुटनों से मोड़ते हुए अपनी दोनों एड़ियों को दोनों नितंबों पर रखें अब अपने दोनों हाथ बढ़ाकर पंजों के नीचे टखनों को हाथों से अच्छी तरह पकड़ लें अब पेट में साँस भरते हुए हाथों से पकड़े हुए ही पैरों को ऊपर की ओर तानते हुए छाती, गला, मुख और दूसरी ओर से जाँघे और घुटने ऊपर की तरफ उठाते जाएं और शरीर द्वारा धनुष के आकार की स्थिति बनाए इस स्थिति में जब तक साँस रोक सकते हैं रोके रहे और शरीर को पूरा तनाव देते रहें फिर धीरे धीरे साँस छोड़ते हुए शरीर के उठे हुए भाग को नीचे लाएं पहले हथेलियों की पकड़ को छोड़े और पैरों को सीधा करें और थोड़ी देर के लिए रुके प्रतिदिन इस आसन को पांच छः बार अवश्य करें और सांस लेने व छोड़ने की स्थिति में निरंतर वृद्धि करते जायें।

दोलन धनुरासन
ऊपर दी गयी विधि के अनुसार पेट मे साँस भरे हुए धनुरासन में आने पर शरीर में नाभि को धुरी बनाकर शरीर को आगे पीछे लुढ़काये इस आसन से छाती, पेट के सभी अवयवों तथा जाँघों की मसाज होती है और इनमें मजबूती आती है।

सावधानी
यदि शरीर में चर्बी ज्यादा होने की वजह से या रीढ़ और जोड़ों के कड़ेपन की वजह से यदि इस आसन की स्थिति बनाने में तकलीफ हो रही है तो जबरदस्ती न करे रोज़ थोड़ा थोड़ा कोशिश करे शरीर मे से चर्बी कम होगी मांसपेशियों में लचक आएगी और रोज़ अभ्यास करने से एक समय के बाद आप इस आसन को पूरी तरह कर पाएंगे और आपका शरीर सुन्दर और स्वथ्य बनेगा।

By Sandeep Kumar Sunder