Saturday, January 19, 2019

बॉलीवुड में अपना करियर कैसे बनाए?

बॉलीवुड में अपना करियर कैसे बनाए?
कैमरामैन कैसे बनें? लाईटमैन कैसे बने? कैमरामेन असिस्टेंट कैसे बने? कैमेरा अटेंडेंट कैसे बने?

जिस तरह किसी भी सीन को शूट करने के लिए डायरेक्टर की जरूरत होती है उसीतरह किसी भी फिल्म और टेलिविजन शो को शूट करने के लिए कैमरा मैन की जरूरत होती है।कैमरामैन को डी ओ पी(डायरेक्टर ऑफ फोटोग्राफर) के नाम से जाना जाता है। शूटिंग सेट पर सबसे बड़ी टीम अगर किसी की होती है तो वह है कैमरामैन की टीम।



जिसमें कैमरामैन के 2-3 असिस्टेंट के अलावा लाइटमैन, क्रेन ऑपरेटर, ट्रॉली ऑपरेटर, डॉली ओपरेटर, जिम्मी ज़िप ऑपरेटर भी आते हैं।  किसी भी फिल्म अथवा शो में कैमरा मैन के बिना शूट करना आसान नहीं होता है।


कभी कभी ऐसा भी होता है कि डायरेक्टर खुद कैमरामैन होता है या कैमरामैन ही डायरेक्टर होता है। लेकिन अगर कोई यह दोनों काम एक साथ कर रहा है तो यह काम बहुत ही मुश्किल होता है। ऐसे में गलती होने के चांसेस ज्यादा होते हैं। या हो सकता है आपको असिस्टेंट ज्यादा रखने पड़े लेकिन ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि कैमरामैन ही किसी भी सेट पर डायरेक्टर और कैमरामैन दोनो काम करता है।



एक कैमरामैन को बहुत सारी चीजों का ध्यान रखना पड़ता है जैसे किसी एक्टर के फेस पड़ने वाली लाइट सही है या नहीं, उसका फोकस आउट तो नहीं है उसकी शक्ल क्लियर दिख रही है या नहीं या बैकग्राउंड में लाइट सही थी या नहीं  बैकग्राउंड में सीन के ब्लॉक के अंदर कोई ऐसी चीज तो नहीं आ रही है जिसे नहीं होना चाहिए जैसे शूटिंग के कोई सामान, कोई टेकनीशियन तो ब्लॉक में नही आ रहा है। इन सब बातों का ध्यान कैमरामैन और उसके असिस्टेंट को रखना पड़ता है। नहीं तो सीन को फिर से भी शूट करना पड़ सकता है।



ऐसी बहुत सी चीजें हैं जिनका ध्यान एक कैमरामैन और उसके असिस्टेंट को रखना पड़ सकता है। अगर जरा सी भी गलती हुई तो लाखों का नुकसान हो सकता है यही वजह है कि उनकी नौकरी भी जा सकती है इसलिए यह काम बहुत ही सतर्कता से किया जाता है और हर समय आपको एक्टिव रहना पड़ेगा।


कैमरामैन के दो या तीन असिस्टेंट होते हैं हर शूटिंग सेट पर कम से कम 2 कैमरामैन होते हैं। इस काम मे बहुत मेहनत लगती है। कैमरामैन को 2-3 फ्लोर की ऊंचाई तक अकेले क्रेन पर बैठ कर कैमरा ऑपरेट करना होता है अगर गलती से भी आप गिर गए तो आपकी जान भी जा सकती है वहां पर असिस्टेंट साथ नहीं होते हैं क्रेन ऑपरेटर होते हैं जो कि क्रेन को ऑपरेट करते हैं अगर उन्होंने भी गलती की तब भी आपको चोट लग सकती हैं। इसलिए यह भी एक जोखिम भरा काम है लेकिन यहां आपकी इनकम डायरेक्टर की तरह हज़ारों और लाखों में होती है साथ ही आपका नाम भी होता है।

कैमरामैन बनने के लिए योग्यता: कैमरामैन बनने के लिए शुरू में आपको अप्रिंटिस की तरह बिना सैलरी के या फिर एक असिस्टेंट की तरह काम करना पड़ेगा। फिर थोड़ा काम सीख जाने पर कुछ महीने बाद आपकी सैलरी की शुरुआत होगी। उसके बाद आपके काम और तजुर्बे के हिसाब से सैलरी बढती जाएगी। फिल्म, एड फिल्म, मैगज़ीन के लिए अगर आप काम करना चाहते हैं तो आपको काम के साथ साथ इंग्लिश लैंग्वेज अच्छे से आनी चाहिए।

कैमरा असिस्टेंट:  कैमरा असिस्टेंट का काम अगर वाइड/मास्टर सीन है तो उसमे कौन सा लेंस रहेगा 3 शॉट लिया जा रहा है या कॉम्पैक्ट शॉट लिया जा रहा है तो उसमें कौन सा लेंस रहेगा। शॉट के हिसाब से लेंस बदलवाना, सीन में आर्टिस्ट की मूवमेंट के हिसाब से लाइट, डे नाईट सीन के हिसाब से लाइट, बैकग्राउंड के हिसाब से लाइट करवाना होता है। एक्टर के चेहरे पर फोकस है या नही ज़ूम करना इस तरह के बहुत से काम होते हैं।  सीन में लगने वाले लेंस, ट्राली एवं अन्य दूसरे इक्विपमेंट पहले से सेट पर मौजूद हैं या नही यह देखना होता है। इसके अलावा एक कैमरामैन की जो जिम्मेदारियां होती हैं जैसा कि मैं ऊपर बता चुका हूं उन सभी चीजों का ध्यान असिस्टेंट को रखना पड़ता है अगर गलती हुई यो सबसे पहले जॉब कैमरामैन असिस्टेंट की जाएगी। इतना मुश्किल काम होने के बाद भी इस काम मे कोई खास पढ़ाई की जरूरत नही है बस दिमाग तेज होना चाहिए तभी आप यह काम कर सकते हैं।

लाइट मैन:  लाइटमैन, कैमरामैन और उसके असिस्टेंट के इंस्ट्रक्शंस फॉलो करते हैं हर एक सीन में एक्टिविटी के हिसाब से लाइटिंग अलग अलग होती है अगर जरा सा भी शार्ट चेंज हुआ तो लाइटिंग चेंज करनी पड़ती है इसके लिए लाइटमैन का खास रोल रहता है। शूटिंग सेट पर लाइट मैन की संख्या कम से कम 10 और बजट के हिसाब से 20-25 हो सकती है। इस काम को लड़कियां नही करती। यह बहुत मेहनत का काम है। इसमें आपको शूटिंग से पर जाने से पहले उस जगह पहुंचना होता है जहाँ से लोड( जैसे कटर, लाइट स्टैंड, लाइट एवं अन्य) चढ़ाया जाता है फिर सेट पर1 या 1:30 घंटे पहले पहुंचकर लोड उतारना पड़ता है फिर सीन के हिसाब से लाइट भी करनी पड़ती है। मतलब आपको बाकी डिपार्टमेंट के मुकाबले 3-4 घंटे ज्यादा देने पड़ सकते हैं।

इस काम को करने के लिए पढ़ाई की नही बल्कि मेहनत की जरूरत पड़ती है। जो हर एक के बस की बात नहीं है। किसी भी शूटिंग सेट पर जब शूटिंग चलती है तो उसके टॉप फ्लोर पर लाइट ऑपरेट करने के लिए लाइटमैन रहते हैं जो ऊपर छत से ही नीचे की तरफ सीन के हिसाब से कैमरा मैन के कहने पर लाइटिंग चेंज करते रहते हैं उनका काम ऊपर छत पर ही चुपचाप बैठे रहना होता है। बॉलीवुड में शूटिंग लैंग्वेज में इस जगह को तारापा बोलते हैं जब तक शूटिंग चल रही है अगर शूटिंग के दौरान नींद आई और जरा सी भी गलती हुई तो लाइटमैन नीचे गिर सकता हैं और उनकी जान भी जा सकती है।

हर डिपार्टमेंट की अपनी यूनियन है जो उनके हक़ के लिए लड़ती है। इसीलिए फिल्म इंडस्ट्री में काम करने के लिए यूनियन का कार्ड बनवाना पड़ता है तभी आप इंडस्ट्री में काम कर सकते हैं नही तो बिना कार्ड के काम करते पकड़े गए तो आपको फाइन भी भरना पड़ा सकता है। समय समय पर इनके इलेक्शन भी होते हैं। लाइटमैन, कैमरा अटेंडेंट को कम 700-800 रुपये एक दिन का दिया जाता है शिफ्ट बढ़ने पर एक्स्ट्रा शिफ्ट और कन्वेंस का मेहनताना मिलता है।

कैमरा अटेंडेंट: 
कैमरा अटेंडेंट कैमरे की देख रेख करता है। कैमरे की रील कब खत्म होने वाली है। कब नई चाहिए अगर खत्म हो रही है तो नई चाहिए। कैमरा लेंस सारे हैं या नही। कैमरा कंपनी से शूटिंग सेट पर लाना और शूटिंग के बाद वापस कंपनी में ले जाने का काम कैमरा अटेंडेंट करता है। इसमें भी कोई पढ़ाई की आवश्यकता नही है बस आपके कंधे कैमरा उठाने के लिए मजबूत होने चाहिए।

अगर आप कैमरा ऑपरेट करना जानते हैं तो फिल्मों के अलावा फैशन शो, न्यूज़ चैनल, क्रिकेट स्टेडियम या किसी भी राष्ट्रीय, अंतराष्ट्रीय खेल, सम्मेलन हर जगह आपको काम मिल सकता है। हॉलीवुड फिल्मों में तो लड़कियां भी कैमरामैन का काम करती हैं। फ़िल्म इंडस्ट्री में जितनी इज़्ज़त एक डायरेक्टर को दी जाती है उतनी ही इज़्ज़त कैमरामैन को भी दी जाती है। कहते है। एक कैमरामैन डायरेक्टर की आंखें होता है जिसके बिना कोई भी डायरेक्टर अधूरा है वह अपना काम शुरू नही कर सकता। इसलिए कैमरामैन का फिल्म इंडस्ट्री में बेहद खास रोल है।

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