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Monday, January 14, 2019

फिल्म इंडस्ट्री में कैमरामैन कैसे बने? कैमरा मैन बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए? (कैमरामैन)

फिल्म इंडस्ट्री में कैमरामैन कैसे बने? कैमरा मैन बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए?

कैमरामैन:  जिस तरह किसी भी सीन को शूट करने के लिए डायरेक्टर की जरूरत होती है उसीतरह किसी भी फिल्म और टेलिविजन शो को शूट करने के लिए कैमरा मैन की जरूरत होती है। कैमरामैन को डी ओ पी (डायरेक्टर ओफ फोटोग्राफी) कहते  हैं। शूटिंग सेट पर सबसे बड़ी टीम अगर किसी की होती है तो वह है कैमरामैन की टीम। जिसमें कैमरामैन के 2-3 असिस्टेंट के अलावा 15-20 लाइटमैन, क्रेन ऑपरेटर, ट्रॉली, डॉली ओपरेटर, जिम्मी ज़िप ऑपरेटर भी आते हैं।

किसी भी फिल्म अथवा शो में कैमरामैन के बिना शूट करना आसान नहीं होता है। कभी कभी ऐसा भी होता है कि डायरेक्टर खुद कैमरामैन होता है या कैमरामैन ही डायरेक्टर होता है। लेकिन अगर कोई यह दोनों काम एक साथ कर रहा है तो यह काम बहुत ही मुश्किल होता है। ऐसे में गलती होने के चांसेस ज्यादा होते हैं। या हो सकता है आपको असिस्टेंट ज्यादा रखने पड़े लेकिन ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि कैमरामैन ही किसी भी सेट पर डायरेक्टर और कैमरामैन दोनो काम करता है।

एक कैमरामैन को बहुत सारी चीजों का ध्यान रखना पड़ता है जैसे किसी एक्टर के फेस पड़ने वाली लाइट सही है या नहीं, उसका फोकस आउट तो नहीं है उसकी शक्ल क्लियर दिख रही है या नहीं या बैकग्राउंड में लाइट सही थी या नहीं  बैकग्राउंड में सीन के ब्लॉक के अंदर कोई ऐसी चीज तो नहीं आ रही है जिसे नहीं होना चाहिए इन सब बातों का ध्यान कैमरामैन और उसके असिस्टेंट को रखना पड़ता है। नहीं तो सीन को फिर से भी शूट करना पड़ सकता है। ऐसी बहुत सी चीजें हैं जिनका ध्यान एक कैमरामैन और उसके असिस्टेंट को रखना पड़ सकता है। अगर जरा सी भी गलती हुई तो लाखों का नुकसान हो सकता है यही वजह है कि उनकी नौकरी भी जा सकती है इसलिए यह काम बहुत ही सतर्कता से किया जाता है और हर समय आपको एक्टिव रहना पड़ेगा।

कैमरामैन के दो या तीन असिस्टेंट होते हैं हर शूटिंग सेट पर कम से कम 2 कैमरामैन होते हैं। इस काम मे बहुत मेहनत लगती है। कैमरामैन को 2-3 फ्लोर की ऊंचाई तक आपको अकेले क्रेन पर बैठ कर कैमरा ऑपरेट करना होता है अगर गलती से भी आप गिर गए तो आपकी जान भी जा सकती है वहां पर असिस्टेंट साथ नहीं होते हैं क्रेन ऑपरेटर होते हैं जो कि क्रेन को ऑपरेट करते हैं अगर उन्होंने भी गलती हुई तब भी आपको चोट लग सकती हैं। इसलिए यह भी एक जोखिम भरा काम है लेकिन यहां आपकी इनकम डाय रेक्टर की हज़ारों और लाखों में होती है साथ ही आपका नाम भी होता है।
कैमरा असिस्टेंट:  कैमरा असिस्टेंट का काम अगर वाइड/मास्टर सीन है तो उसमे कौन सा लेंस रहेगा 3 शॉट लिया जा रहा है या कॉम्पैक्ट शॉट लिया जा रहा है तो उसमें कौन सा लेंस रहेगा। शॉट के हिसाब से लेंस बदलवाना, सीन में आर्टिस्ट की मूवमेंट के हिसाब से लाइट, डे नाईट सीन के हिसाब से लाइट, बैकग्राउंड के हिसाब से लाइट करवाना होता है। एक्टर के चेहरे पर फोकस है या नही ज़ूम करना इस तरह के बहुत से काम होते हैं।  सीन में लगने वाले लेंस, ट्राली एवं अन्य दूसरे इक्विपमेंट पहले से सेट पर मौजूद हैं या नही यह देखना होता है। इतना मुश्किल काम होने के बाद भी इस काम मे कोई खास पढ़ाई की जरूरत नही है बस दिमाग तेज होना चाहिए तभी आप यह काम कर सकते हैं।

कैमरामैन बनने के लिए योग्यता: कैमरामैन बनने के लिए शुरू में आपको अप्रिंटिस की तरह बिना सैलरी के या फिर एक असिस्टेंट की तरह काम करना पड़ेगा। फिर कुछ महीने बाद आपकी सैलरी की शुरुआत होगी। उसके बाद आपके काम और तजुर्बे के हिसाब से सैलरी बढती जाएगी। फिल्म, एड फिल्म, मैगज़ीन के लिए अगर आप काम करना चाहते हैं तो आपको इंग्लिश लैंग्वेज अच्छे से आनी चाहिए।

लाइट मैन:  लाइट मैन कैमरामैन और उसके असिस्टेंट के इंस्ट्रक्शंस फॉलो करते हैं हर एक सीन में एक्टिविटी के हिसाब से लाइटिंग अलग अलग होती है अगर जरा सा भी शार्ट चेंज हुआ तो लाइटिंग चेंज करनी पड़ती है इसके लिए लाइटमैन का खास रोल रहता है। शूटिंग सेट पर लाइट मैन कि संख्या कम से कम 10 और बजट के हिसाब से 20-25 हो सकती है। इस काम को लड़कियां नही करती। यह बहुत मेहनत का काम है। इसमें आपको शूटिंग से पर जाने से पहले उस जगह पहुंचना होता है जहाँ से लोड( जैसे कटर, लाइट स्टैंड, लाइट एवं अन्य) चढ़ाया जाता है फिर सेट पर1 या 1:30 घंटे पहले पहुंचकर लोड उतारना पड़ता है फिर सीन के हिसाब से लाइट भी करनी पड़ती है। मतलब आपको बाकी डिपार्टमेंट के मुकाबले 2-3 घंटे ज्यादा देने पड़ सकते हैं।

इस काम को करने के लिए पढ़ाई की नही बल्कि मेहनत की जरूरत पड़ती है। जो हर एक के बस की बात नहीं है। इसके लिए शुरू आपको कुछ दिनों अप्रिंटिस के तौर पर बिना सैलरी के काम करना पड़ सकता है। किसी भी शूटिंग सेट पर जब शूटिंग चलती है तो उसके टॉप फ्लोर पर लाइट ऑपरेट करने के लिए लाइट मैन रहते हैं जो ऊपर छत से ही नीचे की तरफ सीन के हिसाब से कैमरा मैन के कहने पर लाइटिंग चेंज करते रहते हैं उनका काम ऊपर छत पर ही चुपचाप बैठे रहना होता है शूटिंग लैंग्वेज में इस जगह को तारापा बोलते हैं जब तक शूटिंग चल रही है अगर शूटिंग के दौरान नींद आई और जरा सी भी गलती हुई तो लाइटमैन नीचे गिर सकता हैं और उनकी जान भी जा सकती है। इनकी अपनी यूनियन है जो इनके हक़ के लिए लड़ती है और समय समय पर इनके इलेक्शन भी होते हैं। इन्हें कम से कम 700-800 पेर डे दिया जाता है शिफ्ट बढ़ने पर एक्स्ट्रा शिफ्ट और कन्वेंस का मेहनताना मिलता है।

फ़िल्म इंडस्ट्री में जितनी इज़्ज़त एक डायरेक्टर को दी जाती है उतनी ही इज़्ज़त कैमरामैन को भी दी जाती है। कहते है कैमरामैन डायरेक्टर की आंखें होता हैं जिसके बिना कोई भी डायरेक्टर अधूरा है वह अपना काम शुरू भी नही कर सकता। इसलिए कैमरामैन का फिल्म इंडस्ट्री में बेहद खास रोल है।
               Written By Sandeep Kumar Sunder

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